क्यों न फ़िर से एक नई कहानी शुरू की जाए । क्यों न फ़िर से एक दूसरे से जुड़ने का ज़रिया निकाला जाए । क्यों न शाम को चौपाल पर बैठकर सबका दुःख दर्द बांटा जाए और क्यों न अपने अंदर के मानवीय गुणों को बाहर निकाला जाए । हम दूसरों से अपेक्षा क्यों करते हैं ? क्या सिर्फ़ इसलिए कि हम मदद स्वयं करने के योग्य नहीं या हम पूरी तरह दूसरों पर निर्भर होना चाहते हैं ? क्यों न कुछ ऐसे प्रश्नों के हल ढूंढने के प्रयास किया जाए जो सिर्फ़ हमें पता है । अगर हम अपने प्रति ईमानदार नहीं हैं तो हम दूसरों के ईमानदार होने की कल्पना भी कैसे कर सकते हैं । बुराईयां और परेशानी कहां नहीं है ? अगर जीवन में उतार चढ़ाव नहीं है तो कैसा जीवन ? चलो ख़ुद से एक प्रश्न करते हैं कि क्या हम वास्तव में वही हैं जो हमें देख या समझ रहे हैं ? क्या हम वास्तव में वही कर रहे हैं जो हमें करना था ? क्या हम उसी राह पर हैं जो हमें हमारी मंज़िल तक ले जाएगी ? ऐसे न जाने कितने प्रश्न हैं जिनका उत्तर खोज़ना शायद बेहद जरूरी है । तो क्या हम अपने निर्माण की राह पर हैं या हमें स्वयं को तलाशने की आवश्यकता है ? आत्म संवाद अत्यंत आवश्यक है । कुछ पल के लिए स्वयं को इस भौतिक संसार से अलग मानकर क्यों न इन प्रश्नों के उत्तर की तलाश की जाए ? या जीवन सिर्फ़ अपेक्षाओं पर चलेगा ? शायद स्वयं का निर्माण नितांत आवश्यक है । क्यों न एक यात्रा स्वयं के तलाश की हो..............(जारी)
Saturday, March 2, 2019
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
एक कदम
पिछले कुछ महीनों में एक बात तो समझ में आ गयी कि इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। और स्थायित्व की कल्पना करना, यथार्थ से दूर भागने जैसा ह...
-
पिछले कुछ महीनों में एक बात तो समझ में आ गयी कि इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। और स्थायित्व की कल्पना करना, यथार्थ से दूर भागने जैसा ह...
-
Now it's very important for me to write today. I am not sad, I am not tired, I am not hopeless, I am not even negative. I am just dying...
-
शिखर बिंदु पर तब मैं था उत्तण्ड सूर्य सा दिखता था अस्त्र शस्त्र सब फ़ीके थे निर्भीक निडर हो लिखता था शासन सत्ता का जोर हुआ यह दे...

इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता ।
ReplyDeleteचलो खुद को समझ जाए ......
beautiful👌
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख प्रिय,,
ReplyDelete👏👏👏👏
ReplyDeleteअत्यंत ज़रूरी है खुद से ये सारे प्रश्न पूछना। खुदको समझना बेहद ज़रूरी है। बहुत ही बेहतर तरीके से शब्दों में ढाला है अपने विचारों को।
ReplyDelete