एक उम्र बीत गयी। कोई नई चिट्ठी नहीं आयी। आखिरी बार खत कब आया था, याद नहीं। शायद लोगों के पास अब वक्त नहीं, जो भी हो लोग अब किसी को चिट्ठी नहीं लिखते।
मुझे नहीं पता कि दुनिया इतना तेज़ी से कैसे और क्यों बदल गयी। लेकिन दुनिया के इतनी तेज़ी से बदलने में हमसे बहुत कुछ छूट गया। यादें कुछ देर साथ चली, फिर धीरे धीरे उनपर भी धूल जमने लगी। अब पुरानी यादें भी ज़हन में कहीं दफ़न हैं। उनकी आवाज़ भी अब हम तक नहीं आती।
आख़िरी बार आंधी आने पर हम बाग की तरफ कब भागे थे? आख़िरी बार नानी के घर जाते हुए गांव से पहले वाले पेड़ को देखकर कब खुश हुए थे? आख़िरी बार कब मां की गोद में सर रखकर सोए थे? कब आख़िरी बार बाबूजी से बाज़ार जाने की जिद की थी?
ऐसा नहीं है कि यह सब बचपन में की जाने वाली चीजें हैं, ऐसा भी नहीं है कि अब हम यह नहीं कर सकते, बात सिर्फ इतनी है कि हमने बदली हुई दुनिया को अपनी असली मानकर अपनी असली दुनिया को लगभग ख़तम कर दिया।
हमें यह जरूर याद होगा कि काम के दवाब के चलते हमने आख़िरी कौन सी चीज तोड़ी थी? यह भी याद होगा कि आखिरी बार किस पर और क्यों चिल्लाए होंगे? यह भी याद होगा कि पढ़ाई में आख़िरी बार निराशाजनक परिणाम आने पर हमने किसे किसे दोष दिया होगा?
असल में हम इंसान अपनी वास्तविकता को छोड़कर बाकी सब कुछ कर लेते हैं। हम खुशियों में नहीं नाचते, रोने पर किसी को गले नहीं लगाते, जीतने पर नहीं उछलते, लेकिन छोटी सी हार पर उदास जरूर हो जाते हैं। दरअसल हम यह भूल जाते हैं कि हमारी जिंदगी परिस्थितियों से नहीं बल्कि हौसलों से, प्यार से और अपनेपन से चलती है।
अगर हम खुशियों में नाच पाएं, रोने पर किसी को गले लगा पाएं और जीतने पर उछल पाएं तो यकीन मानिए यह दुनिया हमारी सोच से ज्यादा खूबसूरत है।
(पी.एस: मुझे चिट्ठियां बहुत पसंद हैं। लेकिन मेरे पास लिखने वाले लोग नहीं हैं। उम्मीद है आपको भी चिट्ठियां पसंद होंगी, इसलिए आपके नाम मेरी यह एक छोटी सी चिट्ठी)
Beautiful ��
ReplyDeleteJeevan k un galiyon mein ghoom aate hain aapko padh kar jinhe ham kab ka chhod chuke hain.....Bahut bahut dhanyawad
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत
ReplyDeleteKhaton ki ehmiyat hai abhi bhi par bat itni si hai ki jase insaniyat lupt ho rahi hai vase hi chithii padne wale bhi... Amazing writing really appreciate this chithi.. 😊
ReplyDelete❤️❤️❤️
ReplyDeleteमुझे याद है,मैंने सालों पहले अपना पहला ख़त लिखा था। वो पल मेरे लिए बहुत उत्सुकता भरा था। आपका खत पढ़ते हुए मुझे वैसी ही उत्सुकता का एहसास हुआ। धन्यवाद आपका।
ReplyDeletePS: सुंदर लेखन।
❤️❤️🥺
ReplyDeleteThis one is awsm��
ReplyDeleteBhot khoob ❤️❤️, mtlb shabd ni hai
ReplyDeleteबहुत सुंदर ❤️❤️🙌🙌
ReplyDeleteIss jaisi chitthi aajatk mujhe nahin mili❤️
ReplyDeleteBahut pyaari chitthi❤
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