Monday, October 23, 2017

चलो अब तुम रहने दो

"चलो अब तुम रहने दो"
तोड़ दो यहीं झूठे वादों के सिलसिले
बढ़ते हैं तो बढ़ जाने दो ये फांसले
चलो बंद कर दो ये बेकार के आंसुओं को गिरना
बंद कर दो अपनी झूठी दलीलों से समझना
मैं कैसा हूँ अब तुम मुझे मत बताओ
जीने का नया तरीका तुम मुझे मत सिखाओ
दिल के सारे दर्द आंसुओं के साथ बहने दो
चलो अब तुम रहने दो ।




कुछ भी कहो पर अब झूठ मत बोलो
भले ही दिल के कोई राज़ मत खोलो
मत बनाओ नजरें चुराने के अब कोई बहाने
ठीक ही है आख़िर चेहरे भी तो हो जाते हैं पुराने
काश ये सब पहले ही हो गया होता
तो यूँ झूठें चेहरों के पीछे मैं न खो गया होता
फ़िर भी ठीक है मुझे अकेले ही ये सब सहने दो
चलो अब तुम रहने दो ।

मैं भी भावनाओं में कुछ यूं बह गया था
दिल की तमाम बातें भी कह गया था
इस छोटे से सफ़र बस एक साथ चाहिए था
अगर कहीं गिर जाऊं तो एक हाथ चाहिए था
अगर ये भी न होता पाता तो बता दिया होता
मुँह से न नहीं कम से कम नजरों से जता दिया होता
तुमने तो कह दिया अब बस मुझे कहने दो
चलो अब तुम रहने दो ।

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