हां कुछ लोगों का मैंने भी
संसार उजड़ते देखा है
हसीं ख़ुशी के आंगन का
परिवार बिछड़ते देखा है
इतनी शक्ति है मुझमें कि
मैं उनका संसार बनूं
यही प्रार्थना अन्तर्मन से
मैं नभ का विस्तार बनूं ।
संसार उजड़ते देखा है
हसीं ख़ुशी के आंगन का
परिवार बिछड़ते देखा है
इतनी शक्ति है मुझमें कि
मैं उनका संसार बनूं
यही प्रार्थना अन्तर्मन से
मैं नभ का विस्तार बनूं ।
जहां कहीं भी जीवन प्यासा
बूंदे बनकर मैं गिर जाऊं
अगर कमी उम्मीदों में है
दीपक बनकर मैं आ जाऊं
मन को इतना दृढ़ कर लो
फ़िर दृढ़ता का आधार बनूं
खड़ी पहाड़ी समतल होगी
मैं नभ का विस्तार बनूं ।
बूंदे बनकर मैं गिर जाऊं
अगर कमी उम्मीदों में है
दीपक बनकर मैं आ जाऊं
मन को इतना दृढ़ कर लो
फ़िर दृढ़ता का आधार बनूं
खड़ी पहाड़ी समतल होगी
मैं नभ का विस्तार बनूं ।
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